DNS क्या है? || Domain Name System

DNS Domain Name System

DNS यानि “Domain Name System” (डोमेन नाम प्रणाली) एक प्रोटोकॉल है जो इंटरनेट पर नेटवर्क डिवाइसों को डोमेन नामों से जोड़ता है। इसका मुख्य उद्देश्य डोमेन नामों को इंटरनेट पर उपलब्ध आईपी एड्रेसेज से मैप करना है।

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डीएनएस का काम डोमेन नामों को इंटरनेट पर उपलब्ध आईपी एड्रेसों में बदलना है, ताकि उपयोगकर्ता इंटरनेट पर नेविगेट कर सकें बिना किसी अंदरूनी नेटवर्क की जानकारी के। यह एक नेटवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि इसके बिना, इंटरनेट पर डोमेन नामों को उपयोग करना मुश्किल हो जाएगा और उपयोगकर्ताओं को योजनाएं करनी होंगी जो उनके ब्राउज़र में या उनके नेटवर्क सेटिंग्स में अंकित हों।

अतिरिक्त रूप से, DNS की मदद से वेब सर्वरों का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिससे यह संचार की निरंतरता और निष्पादन को सुनिश्चित करता है।

DNS क्यों आवश्यक है?

DNS (Domain Name System) एक महत्वपूर्ण तंत्र है जो इंटरनेट पर संचार को संचालित करता है। यह एक विशेष प्रकार का प्रोटोकॉल है जो डोमेन नामों को इंटरनेट पतों में रूपांतरित करता है।

डीएनएस के बिना, हमें हर वेबसाइट के लिए उसके IP पते को याद रखना पड़ता, जो अधिक व्यक्तियों के लिए कठिन होता है। इसलिए, DNS का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हम किसी भी वेबसाइट को आसानी से एक डोमेन नाम के माध्यम से खोज सकें और उसे पहुंच सकें।

इसके अलावा, डीएनएस नेटवर्क की सुरक्षा और गोपनीयता को भी सुनिश्चित करता है। कुछ DNS सेवाएं मैन इन द मिडल (MITM) हमलों और डेटा उत्सर्जन से बचाव करने में मदद कर सकती हैं।

सम्पूर्ण रूप से कहें तो, DNS इंटरनेट को संचालित करने का माध्यम है जो हमें वेबसाइटों तक पहुंचने में सहायक होता है, सुरक्षित रूप से और गोपनीयता को बनाए रखता है।

DNS के कार्य क्या हैं?

DNS (Domain Name System) इंटरनेट पर जितने भी नेटवर्क डिवाइस हैं, उनके लिए एक महत्वपूर्ण कार्य करता है। यह इंटरनेट पर वेबसाइट्स, इमेल सेवाएं, फाइल साभार, चैट सेवाएं, और अन्य सेवाओं को आसानी से पहचानने के लिए एक प्रकार का संदर्भ सिद्ध करता है।

डीएनएस के काम में डोमेन नामों को इंटरनेट पर उपलब्ध आईपी (IP) पतों में अनुवादित करना शामिल है। जब आप एक वेबसाइट के डोमेन नाम को अपने वेब ब्राउज़र में टाइप करते हैं, तो DNS सर्वर उस डोमेन नाम का अनुवाद करता है और उसके संबंधित IP पते को खोजकर उस वेबसाइट को प्राप्त करने में मदद करता है। इस प्रकार, डीएनएस सीमित समय में वेबसाइटों और अन्य इंटरनेट सेवाओं को पहुंचने में मदद करता है और इसे आसान बनाता है।

सार्वजनिक DNS सर्वरों का उपयोग करके, लोगों को इंटरनेट पर सामान्य डोमेनों को खोजने में सहायता मिलती है और उन्हें इंटरनेट संचार का अनुभव आसान होता है।

DNS क्या करता है जब हम एक वेबसाइट पर जाते हैं?

जब हम एक वेबसाइट पर जाते हैं, तो DNS (Domain Name System) हमें वहां पहुंचने में मदद करता है। जब हम एक वेबसाइट का नाम टाइप करते हैं, तो DNS उस नाम को एक आईपी (IP) पते में बदलता है। यह आईपी पता वेबसाइट के सर्वर का पता होता है, जहां से वेबसाइट की सामग्री प्राप्त होती है।

डीएनएस एक बड़ा नेटवर्क है जो विश्वभर में है, और यह वेबसाइटों के नामों को उनके संदर्भात्मक आईपी पतों से जोड़ता है। यह उपयुक्त आईपी पता प्राप्त करने के लिए नेटवर्क के विभिन्न सर्वरों को परीक्षित करता है।

इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, हमारे वेब ब्राउज़र वेबसाइट के सर्वर से संबंधित आईपी पते की सहायता से संपर्क स्थापित करता है और वहां से वेब पेजों की सामग्री को डाउनलोड करता है।

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इस प्रक्रिया का सही काम करना वेबसाइटों को सही तरीके से लोड करने में मदद करता है और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को स्मूद और तेजी से वेबसाइटों तक पहुंचाता है।

डीएनएस कैसे काम करता है?

DNS (Domain Name System) इंटरनेट पर एक महत्वपूर्ण सेवा है जो वेबसाइटों को उनके यूनिक नामों से उनके IP पतों में रूपांतरित करने में मदद करता है। जब आप एक वेबसाइट के नाम को अपने ब्राउज़र में टाइप करते हैं, तो आपके कंप्यूटर के डीएनएस सर्वर को उस नाम के लिए इनफ़ॉर्मेशन प्राप्त करने के लिए अनुरोध किया जाता है।

डीएनएस सर्वर फिर उस नाम को संबंधित IP पते की खोज करता है और उसे उपयुक्त उत्तर देता है। उसके बाद, आपका ब्राउज़र उस IP पते पर वेबसाइट की डाटा को अनुरोध करता है और वेबसाइट लोड होता है।

इस प्रक्रिया की मदद से, DNS सर्वर उपयोगकर्ताओं को यात्रा करने के लिए आसानी से संदर्भित वेबसाइटों तक पहुँचने में मदद करता है, जिससे उन्हें यूआरएलों या यूनिक आईपी पतों को याद रखने की जरूरत नहीं होती।

DNS के कितने प्रकार होते हैं?

DNS (Domain Name System) कई प्रकार के होते हैं जो इंटरनेट प्रोटोकॉल के लिए विशेष रूप से उपयोग किए जाते हैं।

Authoritative DNS Server (अधिकृत DNS सर्वर): यह सर्वर एक विशिष्ट डोमेन के डीएनएस रिकॉर्डों को संभालता है और उनकी पुष्टि करता है।

Recursive DNS Server (अनुक्रमणिका DNS सर्वर): यह सर्वर आवश्यकता अनुसार अन्य डीएनएस सर्वरों से पूछताछ करता है ताकि उपयोगकर्ता के डोमेन नाम का IP पता प्राप्त किया जा सके।

Caching DNS Server (कैशिंग डीएनएस सर्वर): यह सर्वर पिछले क्वेरी के परिणामों को अपने कैश में संग्रहित करता है ताकि यह जल्दी से पहुंच सके जब वही डोमेन फिर से पुनः पूछा जाता है।

Forwarding DNS Server (फॉरवर्डिंग डीएनएस सर्वर): यह सर्वर अन्य DNS सर्वरों को पूर्वनिर्धारित किए गए सर्वर पर क्वेरी पुष्टि करता है।

Root DNS Server (मूल DNS सर्वर): ये सर्वर इंटरनेट पर सभी डोमेनों के संदर्भ का आधार होते हैं और वे अधिकृत सर्वरों का पता लगाते हैं।

इन सर्वरों का संयोजन वेब ब्राउज़िंग और अन्य इंटरनेट सेवाओं के लिए एक सुचारु और सुगम अनुभव सुनिश्चित करने में मदद करता है।

DNS सर्वर क्या होता है? इसकी आवश्यकता क्यों होती है?

DNS (Domain Name System) सर्वर एक इंटरनेट प्रोटोकॉल है जो डोमेन नामों को इंटरनेट परिप्रेक्ष्य में IP पतों में बदलता है। जब हम एक डोमेन नाम को ब्राउज़र में टाइप करते हैं, तो डीएनएस सर्वर उस डोमेन नाम को इसके संबंधित IP पते की ओर पहुंचाता है जिससे हमारे ब्राउज़र के द्वारा वेबसाइट तक पहुंच सकता है।

डीएनएस सर्वर की आवश्यकता उसलिए होती है क्योंकि हमारे पास हर वेबसाइट का IP पता याद रखने की क्षमता नहीं होती है। बड़े संख्या में डोमेन नाम होते हैं, और हर एक डोमेन का अपना अनूठा IP पता होता है, इसलिए डीएनएस सर्वर का उपयोग इस संदेश को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है।

इसके अतिरिक्त, DNS सर्वर वेबसाइटों को नेटवर्क के लिए लोकेटेड और लोड बैलेंस करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को तेज और स्थिर सेवा प्राप्त हो।

डीएनएस के विभिन्न प्रोटोकॉल क्या होते हैं?

DNS (Domain Name System) को इंटरनेट पर नेटवर्किंग के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल माना जाता है, जो डोमेन नामों को इंटरनेट पर उपलब्ध IP पतों में अन्वेषित करने का कार्य करता है। डीएनएस के विभिन्न प्रोटोकॉल इसके विभिन्न कार्यों और सेवाओं को प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

डीएनएस Resolution Protocol (DNSRP): यह प्रोटोकॉल डोमेन नामों को IP पतों में अन्वेषित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

DNS Update Protocol (DNSUP): इस प्रोटोकॉल का उपयोग DNS रिकॉर्डों को अपडेट करने के लिए किया जाता है, जैसे कि नए IP पते या अन्य विवरण।

डीएनएस Security Extensions (DNSSEC): यह प्रोटोकॉल डीएनएस के सुरक्षा स्तर को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे कि डेटा संचार के दौरान सुरक्षित रहे।

Dynamic DNS (DDNS): यह प्रोटोकॉल डायनेमिक रूप से IP पते को अपडेट करने के लिए उपयोग किया जाता है, विशेष रूप से जब एक नेटवर्क का IP पता नियमित रूप से बदलता है।

ये प्रोटोकॉल डीएनएस को उच्च प्रदर्शन, सुरक्षा और अद्यतन के साथ सक्रिय रखने में मदद करते हैं।

DNS रेकॉर्ड्स क्या होते हैं? उनका उपयोग क्या होता है?

डीएनएस रिकॉर्ड्स इंटरनेट पर एक प्रकार की डेटाबेस होती हैं जो वेबसाइटों और डोमेन नामों को उनके इंटरनेट पतों से जोड़ती हैं। ये रिकॉर्ड्स किसी भी डोमेन के वेबसाइट और अन्य सेवाओं को उनके सही इंटरनेट पते पर पहुंचाने में मदद करते हैं। प्रमुख डीएनएस रिकॉर्ड्स में A रिकॉर्ड, CNAME रिकॉर्ड, MX रिकॉर्ड, TXT रिकॉर्ड और AAAA रिकॉर्ड शामिल हैं।

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A रिकॉर्ड एक डोमेन को उसके IP पते से जोड़ता है। CNAME रिकॉर्ड एक डोमेन को दूसरे डोमेन के साथ जोड़ता है। MX रिकॉर्ड एक डोमेन के लिए मेल सर्वरों के इंटरनेट पते को जोड़ता है। TXT रिकॉर्ड डोमेन से संबंधित अतिरिक्त जानकारी प्रदान करता है, जैसे डोमेन के स्वामित्व की पुष्टि करने के लिए। AAAA रिकॉर्ड IPv6 पते को एक डोमेन से जोड़ता है।

ये रिकॉर्ड्स वेब ब्राउज़र्स को अनुरोध भेजते हैं कि वे सही वेबसाइट या सेवा की खोज करने के लिए सही इंटरनेट पते पर जाएँ। इसलिए, DNS रिकॉर्ड्स इंटरनेट पर सही संचालन और संचार की सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

DNS क्या होता है, क्या DNSSEC है?

DNS (Domain Name System) एक टेक्नोलॉजी है जो इंटरनेट पर उपयोग होती है ताकि हम वेबसाइट्स को उनके IP पते के साथ जोड़ सकें। इसका मुख्य उद्देश्य है डोमेन नामों को इंटरनेट पर उपलब्ध IP पतों से मैप करना। जब आप एक वेबसाइट के नाम को ब्राउज़र में टाइप करते हैं, तो डीएनएस उस नाम को उसके संबंधित IP पते से मिलाता है ताकि आपका ब्राउज़र उस वेबसाइट तक पहुँच सके।

DNSSEC (Domain Name System Security Extensions) एक सुरक्षा प्रोटोकॉल है जो DNS को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सुनिश्चित करता है कि DNS क्वेरीज़ परमाणु, आमान्यता, और गलतियों से मुक्त हों। DNSSEC द्वारा, जानकारी को सुरक्षित रूप से संक्रमित किया जाता है ताकि किसी भी दुरुपयोग से बचा जा सके। यह आमतौर पर ऑनलाइन बैंकिंग, ई-कॉमर्स और अन्य संबंधित ऐप्लिकेशन्स में सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है। डीएनएसईसी सुरक्षा को बढ़ावा देता है और ऑनलाइन सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

डीएनएस के लिए UDP और TCP कौन-सा प्रोटोकॉल उपयोग किया जाता है?

DNS (Domain Name System) के लिए दो प्रमुख प्रोटोकॉल होते हैं – UDP (User Datagram Protocol) और TCP (Transmission Control Protocol). इन दोनों प्रोटोकॉल का उपयोग विभिन्न प्रकार की डीएनएस संचालन में किया जाता है।

UDP एक connectionless प्रोटोकॉल है जो डेटा पैकेट को स्थितिगत रूप से भेजता है, और इसमें कोई कनेक्शन स्थापित नहीं किया जाता है। DNS में, UDP प्रोटोकॉल का उपयोग अक्सर छोटे पैकेटों को अनुरोध और जवाब के लिए किया जाता है, जैसे कि डोमेन नाम का पता लगाना।

वहीं, TCP प्रोटोकॉल connection-oriented होता है, जिसमें संदेशों के लिए स्थायी कनेक्शन स्थापित किया जाता है। डीएनएस में, TCP का उपयोग अधिक विस्तृत और विवरणमय जानकारी के लिए किया जाता है, जैसे कि बड़े डीएनएस संचालनों या डेटा पेशक के लिए। जिसके अलावा, TCP का उपयोग DNS ट्रांजेक्शनों के लिए विशेष परिस्थितियों में भी किया जा सकता है, जब UDP पैकेटों का चलन कठिन हो।

सारांश के रूप में, DNS में UDP और TCP दोनों प्रोटोकॉल का महत्वपूर्ण भूमिका है, जो अलग-अलग प्रकार की सेवाएं प्रदान करने में मदद करते हैं।

DNS नेमसर्वर के काम क्या हैं?

DNS (Domain Name System) नेमसर्वर इंटरनेट पर एक महत्वपूर्ण सेवा है जो डोमेन नामों को इंटरनेट पर उपलब्ध IP (आईपी) पतों से मैप करने में मदद करता है। जब आप वेबसाइट का नाम अपने ब्राउज़र में टाइप करते हैं, तो DNS नेमसर्वर वह डोमेन नाम आईपी पति में रूपांतरित करता है, जिससे आपके ब्राउज़र को वेबसाइट तक पहुँचने में मदद मिलती है।

डीएनएस नेमसर्वर की दो मुख्य फ़ंक्शन होती है: डोमेन नाम को आईपी पति में रूपांतरित करना और विभिन्न डीएनएस नेमसर्वरों के बीच डोमेन नामों के पुनः संगठन (या पुनर्निर्देशित) करना। यह प्रक्रिया वेब ब्राउज़िंग को अधिक सरल और दक्ष बनाती है, क्योंकि यूज़र को IP पते को याद रखने की आवश्यकता नहीं होती है।

इसके अलावा, DNS नेमसर्वर डोमेन नामों को अपडेट और प्रबंधित करने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। वे नए डोमेन नामों को पंजीकृत करते हैं और पुराने या स्थायी डोमेनों को हटा सकते हैं। इसके बिना, इंटरनेट पर वेबसाइटों को ढूंढना और एक डोमेन नाम से दूसरे तक पहुँचना संभव नहीं होता।

डीएनएस के विभिन्न लेयर क्या होते हैं?

DNS (Domain Name System) इंटरनेट पर नेटवर्किंग की एक महत्वपूर्ण सेवा है जो यूज़र्स को डोमेन नामों को इंटरनेट परिपत्र (IP) पतों में रूपांतरित करने में मदद करती है। DNS कई लेयरों में काम करता है जो निम्नलिखित हैं:

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एप्लिकेशन लेयर: इस लेयर पर, डीएनएस एप्लिकेशन्स के साथ संचालित होता है, जैसे कि वेब ब्राउज़र। जब यूज़र एक डोमेन नाम दर्ज करता है, उसका अनुरोध DNS सर्वर को भेजा जाता है।

प्रोटोकॉल लेयर: यह लेयर डीएनएस अनुरोधों को इंटरनेट पर ले जाने और प्राप्त करने के लिए प्रोटोकॉल्स का उपयोग करता है, जैसे कि TCP या UDP।

ट्रांसपोर्ट लेयर: यह लेयर DNS डाटा के प्रेषण और प्राप्ति को व्यवस्थित करती है, जिसमें TCP या UDP का उपयोग किया जा सकता है।

इंटरनेट लेयर: यह लेयर डीएनएस पैकेट्स को इंटरनेट पर भेजने और प्राप्त करने के लिए जिम्मेदार है, जिसमें IP पतों का प्रयोग किया जाता है।

इन लेयरों के साथ, DNS नेटवर्क का सही संचालन सुनिश्चित करता है और उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट पर अद्यतित और सही डोमेन नामों का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है।

DNS के अनुप्रयोग क्या होते हैं?

DNS (Domain Name System) के अनुप्रयोग वेब और नेटवर्क के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रमुख अनुप्रयोगों में से एक हैं, डोमेन नामों को इंटरनेट पर आईपी (IP) पतों में रूपांतरित करना। जब आप वेबसाइट का नाम ब्राउज़र में टाइप करते हैं, डीएनएस सेवर उस नाम का आईपी पता ढूंढते हैं ताकि आपके डिवाइस को उस सर्वर से कनेक्ट किया जा सके।

एक और महत्वपूर्ण अनुप्रयोग हैं, मेल सर्वर का पता ढूंढना। जब आप ईमेल भेजते हैं, DNS सेर्वर से उस ईमेल के निर्देशों को प्राप्त करता है कि ईमेल किस सर्वर पर पहुंचाया जाना है।

विभिन्न उपयोगों में, डीएनएस भी सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा खेलता है। डोमेनों के नाम और उनके संबंधित आईपी पतों को संदर्भित करने के लिए, DNS सिस्टम को सुनिश्चित करना आवश्यक होता है कि उपयोगकर्ता अपने लक्ष्यों तक सुरक्षित रूप से पहुंचें।

सम्पूर्ण, DNS के अनुप्रयोग इंटरनेट के संचालन में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो विभिन्न विनिर्दिष्ट कार्यों को संभालते हैं, जिससे वेबसाइटों, ईमेल और अन्य नेटवर्क सेवाओं को सही रूप से संचालित किया जा सकता है।

DNS के फायदे और नुकसान क्या हैं?

DNS (Domain Name System) एक प्रोटोकॉल है जो इंटरनेट पर डोमेन नामों को इन्टरनेट पतों में ट्रांसलेट करता है। इसके कई फायदे हैं।

सबसे पहले, डीएनएस का प्रमुख फायदा यह है कि यह इंटरनेट प्रयोक्ताओं को याद करने के लिए पूरी तरह से नए या अनचाहे IP पतों के बजाय उनके द्वारा चुने गए डोमेन नामों का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है।

दूसरे, DNS के बिना, इंटरनेट यातायात को बहुत ही कठिनाई का सामना करना पड़ता।

इसके साथ ही, डीएनएस के माध्यम से साइबर सुरक्षा भी सुधारी जा सकती है।

लेकिन, DNS के कुछ नुकसान भी हैं। अगर डीएनएस तंत्र किसी कारणवश अच्छी तरह से काम नहीं करता है, तो उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट तक पहुंचने में समस्या हो सकती है।

इसके अतिरिक्त, डीएनएस संबंधित हानियों के अभाव में, साइबर हमलों का खतरा बढ़ सकता है।

समाप्ति के रूप में, डीएनएस के फायदे और नुकसानों का समन्वयी विचार करते हुए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सुरक्षित और सुविधाजनक इंटरनेट अनुभव के लिए सही नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन की जाए।

DNS ब्लैकलिस्टिंग क्या होती है? यह किस उद्देश्य से किया जाता है?

DNS ब्लैकलिस्टिंग एक तकनीक है जिसमें डोमेन नाम सिस्टम (DNS) के माध्यम से अवैध या क्षतिग्रस्त डोमेनों को ब्लॉक किया जाता है। यह तकनीक साइबर सुरक्षा के लिए उपयोग की जाती है ताकि अवैध या हानिकारक वेबसाइटों से उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखा जा सके।

डीएनएस ब्लैकलिस्टिंग का उद्देश्य इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को अनुकूल और सुरक्षित अनुभव प्रदान करना है। इससे वेबसाइटों या डोमेनों को जिन्हें संदिग्ध माना जाता है, पहुंच से रोका जा सकता है, जिससे कंप्यूटर नेटवर्क और उपयोगकर्ता डेटा की सुरक्षा बनी रह सकती है।

इस प्रक्रिया में, DNS ब्लैकलिस्ट की सूची में संदिग्ध डोमेनों या IP पतों का विवरण होता है, जिसे ब्राउज़र या अन्य नेटवर्क उपकरणों के लिए उपलब्ध कराया जाता है। यदि कोई उपयोगकर्ता इन डोमेनों का पता करने का प्रयास करता है, तो वेब पेज प्रदाता उन्हें पहुंच नहीं देता है, जिससे अवैध गतिविधियों से बचा जा सकता है।

डीएनएस के लिए उपयोग होने वाले प्रमुख सॉफ्टवेयर और टूल्स

DNS (Domain Name System) के लिए अनेक प्रमुख सॉफ्टवेयर और टूल्स उपलब्ध हैं जो विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।

BIND (Berkeley Internet Name Domain): यह सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली डीएनएस सर्वर है। यह UNIX और UNIX-संबद्ध प्लेटफ़ॉर्मों के लिए उपलब्ध है।

Microsoft DNS Server: यह Windows प्लेटफ़ॉर्म के लिए DNS सर्वर है और विभिन्न वर्शन्स में उपलब्ध है।

PowerDNS: यह एक ओपन सोर्स DNS सर्वर है जो लिनक्स और UNIX प्लेटफ़ॉर्म्स पर काम करता है।

NSD (Name Server Daemon): यह एक अन्य ओपन सोर्स डीएनएस सर्वर है जो लिनक्स और UNIX प्लेटफ़ॉर्म्स पर उपलब्ध है।

djbdns: यह एक अन्य लोकप्रिय डीएनएस सर्वर है जो डैनील जे बर्नस्टीन द्वारा विकसित किया गया है।

इनके अतिरिक्त, विभिन्न डीएनएस टूल्स भी उपलब्ध हैं जो DNS को प्रबंधित करने और विश्लेषण करने में मदद करते हैं, जैसे कि DNS क्यूरी टूल, डीएनएस स्निफ़र्स, डीएनएस जांच उपकरण, और अन्य।

आपका सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण है। आप हमे कमेंट जरूर करे।

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