SQL क्या है? || Structured Query Language

SQL

SQL (Structured Query Language) एक मानक प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग डेटाबेस को प्रबंधित और हेरफेर करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (RDBMS) में डेटा को सम्मिलित करने, अपडेट करने, हटाने, और पुनः प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

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SQL का मुख्य उद्देश्य डेटाबेस के साथ संवाद करना और विभिन्न प्रकार के डेटा संचालन (जैसे क्वेरीज़, अपडेट्स, इंसर्शन और डिलीशन) को सुगमता से करना है। यह भाषा विभिन्न प्रकार के डेटाबेस कार्यों को सरल और प्रभावी बनाती है। SQL का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाता है:

डेटा क्वेरी करना: SQL का उपयोग डेटाबेस से विशिष्ट जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। SELECT स्टेटमेंट इसका एक प्रमुख उदाहरण है।

Dta जोड़ना: INSERT स्टेटमेंट का उपयोग डेटाबेस में नए डेटा रिकॉर्ड्स जोड़ने के लिए किया जाता है।

डेटा अपडेट करना: UPDATE स्टेटमेंट का उपयोग डेटाबेस में मौजूदा डेटा को संशोधित करने के लिए किया जाता है।

Data हटाना: DELETE स्टेटमेंट का उपयोग डेटाबेस से डेटा रिकॉर्ड्स हटाने के लिए किया जाता है।

डेटाबेस संरचना प्रबंधन: SQL का उपयोग तालिकाओं, इंडेक्सेस, व्यूज, और स्कीमाज जैसे डेटाबेस अवयवों की संरचना को प्रबंधित करने के लिए भी किया जाता है।

एसक्यूएल की लोकप्रियता और व्यापक उपयोगिता इसे डेटा प्रबंधन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपकरण बनाती है। इसकी सरलता और प्रभावशीलता के कारण यह डेटाबेस प्रबंधकों और डेवलपर्स के बीच बहुत पसंदीदा है।

SQL में DDL और DML क्या होते हैं?

SQL (Structured Query Language) डेटाबेस प्रबंधन के लिए उपयोग की जाने वाली एक मानक भाषा है। इसमें DDL और DML दो मुख्य घटक होते हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है:

DDL (Data Definition Language)

DDL का उपयोग डेटाबेस की संरचना को परिभाषित और प्रबंधित करने के लिए किया जाता है। DDL के कमांड्स डेटाबेस के ऑब्जेक्ट्स जैसे कि टेबल्स, इंडेक्सेस, स्कीमाज आदि को बनाने, संशोधित करने और हटाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। मुख्य DDL कमांड्स निम्नलिखित हैं:

  • CREATE: नए डेटाबेस ऑब्जेक्ट्स (जैसे टेबल, इंडेक्स) बनाने के लिए।
  • ALTER: मौजूदा डेटाबेस ऑब्जेक्ट्स में परिवर्तन करने के लिए।
  • DROP: मौजूदा डेटाबेस ऑब्जेक्ट्स को हटाने के लिए।
  • TRUNCATE: टेबल से सभी रिकॉर्ड्स हटाने के लिए, लेकिन टेबल की संरचना को बनाए रखते हुए।

DML (Data Manipulation Language)

DML का उपयोग डेटाबेस में डेटा के प्रबंधन के लिए किया जाता है। यह डेटा को जोड़ने, संशोधित करने, हटाने और पुनः प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। मुख्य DML कमांड्स निम्नलिखित हैं:

  • INSERT: डेटाबेस में नया डेटा जोड़ने के लिए।
  • UPDATE: डेटाबेस में मौजूदा डेटा को संशोधित करने के लिए।
  • DELETE: डेटाबेस से डेटा हटाने के लिए।
  • SELECT: डेटाबेस से डेटा को पुनः प्राप्त करने के लिए।

DDL और DML दोनों ही SQL के महत्वपूर्ण हिस्से हैं और डेटाबेस को प्रभावी ढंग से प्रबंधित और संचालित करने में सहायक होते हैं।

SQL में ‘SELECT’ कथन का उपयोग कैसे किया जाता है?

SQL में ‘SELECT’ कथन का उपयोग डेटाबेस से डेटा क्वेरी करने के लिए किया जाता है। यह सबसे सामान्य और महत्वपूर्ण कथनों में से एक है जिसका उपयोग डेटा को पुनः प्राप्त करने के लिए किया जाता है। ‘SELECT’ कथन का आधारभूत सिंटैक्स निम्नलिखित है:

SELECT स्तंभ1, स्तंभ2, ...
FROM तालिका_नाम
WHERE शर्त;

इस सिंटैक्स के विभिन्न घटक निम्नलिखित हैं:

  1. SELECT: यह कीवर्ड इंगित करता है कि हमें डेटा को चुनना है।
  2. स्तंभ1, स्तंभ2, …: ये वे कॉलम हैं जिन्हें आप परिणाम सेट में शामिल करना चाहते हैं। आप सभी कॉलम चुनने के लिए ‘*’ का भी उपयोग कर सकते हैं।
  3. FROM: यह कीवर्ड इंगित करता है कि डेटा किस तालिका से आना है।
  4. तालिका_नाम: यह उस तालिका का नाम है जिसमें से डेटा लिया जाएगा।
  5. WHERE: यह वैकल्पिक खंड है जिसका उपयोग शर्तें निर्दिष्ट करने के लिए किया जाता है। केवल उन्हीं पंक्तियों को परिणाम सेट में शामिल किया जाएगा जो इस शर्त को पूरा करती हैं।

उदाहरण के लिए, यदि आपके पास एक ‘Employees’ नामक तालिका है और आप उसके सभी कर्मचारियों के नाम और आयु प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपका ‘SELECT’ कथन इस प्रकार होगा:

SELECT Name, Age
FROM Employees;

यदि आप केवल उन कर्मचारियों को प्राप्त करना चाहते हैं जिनकी आयु 30 वर्ष से अधिक है, तो आप ‘WHERE’ खंड का उपयोग कर सकते हैं:

SELECT Name, Age
FROM Employees
WHERE Age > 30;

इस प्रकार, ‘SELECT’ कथन का उपयोग करके आप विभिन्न शर्तों और कॉलमों के साथ डेटा को क्वेरी कर सकते हैं।

SQL में ‘INSERT INTO’ कथन का उपयोग कैसे किया जाता है?

SQL में ‘INSERT INTO’ कथन का उपयोग डेटाबेस में नई पंक्तियाँ (rows) जोड़ने के लिए किया जाता है। यह कथन किसी तालिका (table) में नए डेटा को सम्मिलित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका सामान्य स्वरूप निम्नलिखित है:

INSERT INTO table_name (column1, column2, column3, ...)
VALUES (value1, value2, value3, ...);

यहाँ table_name उस तालिका का नाम है जिसमें आप डेटा सम्मिलित करना चाहते हैं। column1, column2, column3, ... उन स्तंभों (columns) के नाम हैं जिनमें डेटा डाला जाएगा, और value1, value2, value3, ... उन स्तंभों के संबंधित मान (values) हैं जिन्हें सम्मिलित किया जाना है।

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उदाहरण के लिए, यदि हमारे पास एक तालिका Students है जिसमें तीन स्तंभ हैं: StudentID, Name, और Age, और हमें उसमें डेटा डालना है, तो SQL कथन इस प्रकार होगा:

INSERT INTO Students (StudentID, Name, Age)
VALUES (1, 'Rahul', 21);

इस कथन का अर्थ है कि Students तालिका में एक नई पंक्ति जोड़ी जाएगी, जिसमें StudentID 1 होगा, Name ‘Rahul’ होगा, और Age 21 होगी।

यदि सभी स्तंभों में मान सम्मिलित किए जा रहे हैं, तो स्तंभों को निर्दिष्ट किए बिना भी मान सीधे डाले जा सकते हैं:

INSERT INTO Students
VALUES (2, 'Priya', 22);

ध्यान रखें कि मानों का क्रम तालिका के स्तंभों के क्रम के अनुसार होना चाहिए। ‘INSERT INTO’ कथन का सही उपयोग डेटा को व्यवस्थित और संरचित तरीके से डेटाबेस में जोड़ने में सहायक होता है।

SQL में ‘UPDATE’ कथन का उपयोग कैसे किया जाता है?

SQL में ‘UPDATE’ कथन का उपयोग किसी तालिका (table) में मौजूदा रिकॉर्ड को संशोधित (modify) करने के लिए किया जाता है। ‘UPDATE’ कथन के साथ, आप एक या अधिक रिकॉर्ड को बदल सकते हैं। इसका सामान्य सिंटैक्स निम्नलिखित है:

UPDATE table_name
SET column1 = value1, column2 = value2, ...
WHERE condition;

यहां:

  • table_name वह तालिका है जिसमें आप संशोधन करना चाहते हैं।
  • column1, column2, … वे कॉलम हैं जिनके मान को आप बदलना चाहते हैं।
  • value1, value2, … वे नए मान हैं जिन्हें आप निर्दिष्ट कॉलम में सेट करना चाहते हैं।
  • WHERE condition यह निर्दिष्ट करता है कि कौन से रिकॉर्ड्स को अपडेट किया जाएगा। अगर आप WHERE क्लॉज़ नहीं जोड़ते हैं, तो तालिका के सभी रिकॉर्ड अपडेट हो जाएंगे, इसलिए इसे सावधानी से उपयोग करें।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि हमारे पास एक ’employees’ नामक तालिका है और हम चाहते हैं कि employee_id 3 वाले कर्मचारी के वेतन को 60000 में अपडेट करें:

UPDATE employees
SET salary = 60000
WHERE employee_id = 3;

यह कथन ’employees’ तालिका में उस कर्मचारी का वेतन बदल देगा जिसका employee_id 3 है।

आप एक से अधिक कॉलम को भी एक साथ अपडेट कर सकते हैं:

UPDATE employees
SET salary = 65000, department = 'Marketing'
WHERE employee_id = 4;

इस उदाहरण में, employee_id 4 वाले कर्मचारी के वेतन और विभाग दोनों को अपडेट किया जाएगा। ‘UPDATE’ कथन का उपयोग करते समय सावधानी बरतना आवश्यक है, खासकर WHERE क्लॉज़ के साथ, ताकि अनजाने में सभी रिकॉर्ड अपडेट न हो जाएं।

SQL में ‘DELETE’ कथन का उपयोग कैसे किया जाता है?

SQL में ‘DELETE’ कथन का उपयोग डेटाबेस से रिकॉर्ड्स को हटाने के लिए किया जाता है। यह कथन एक या अधिक पंक्तियों को हटाने के लिए प्रयुक्त होता है जो किसी विशेष शर्त को पूरा करती हैं। DELETE कथन का सामान्य स्वरूप निम्नलिखित होता है:

DELETE FROM table_name WHERE condition;

यहां table_name उस तालिका का नाम है जिसमें से आप रिकॉर्ड्स को हटाना चाहते हैं, और condition वह शर्त है जिसके आधार पर पंक्तियों को हटाया जाएगा। अगर WHERE क्लॉज नहीं दिया गया है, तो तालिका की सभी पंक्तियाँ हटा दी जाएंगी।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपके पास एक तालिका Employees है और आप उसमें से उस कर्मचारी को हटाना चाहते हैं जिसका EmployeeID 4 है:

DELETE FROM Employees WHERE EmployeeID = 4;

यह कथन Employees तालिका से उस पंक्ति को हटा देगा जिसमें EmployeeID 4 है।

यदि आप WHERE क्लॉज को छोड़ देते हैं, तो यह तालिका की सभी पंक्तियों को हटा देगा, लेकिन तालिका की संरचना बरकरार रहेगी:

DELETE FROM Employees;

ध्यान दें कि DELETE कथन का उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर बिना WHERE क्लॉज के, क्योंकि इससे अनपेक्षित रूप से सभी डेटा हट सकते हैं। डेटा को स्थायी रूप से हटाने से पहले हमेशा बैकअप लेना एक अच्छा अभ्यास है।

SQL में ‘WHERE’ क्लॉज का उपयोग कैसे किया जाता है?

SQL में ‘WHERE’ क्लॉज का उपयोग डेटाबेस से डाटा को फ़िल्टर करने के लिए किया जाता है। इसका मतलब है कि हम केवल उन्हीं रिकॉर्ड्स को चयनित (select) करते हैं जो एक विशेष शर्त (condition) को पूरा करते हैं। ‘WHERE’ क्लॉज SELECT, UPDATE, DELETE आदि स्टेटमेंट्स के साथ उपयोग किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, यदि हमारे पास एक टेबल है ‘Employees’ जिसमें कॉलम्स हैं – ‘EmployeeID’, ‘FirstName’, ‘LastName’, और ‘City’, और हमें केवल दिल्ली शहर के कर्मचारियों की जानकारी प्राप्त करनी है, तो हम निम्नलिखित SQL क्वेरी का उपयोग करेंगे:

SELECT * FROM Employees WHERE City = 'Delhi';

इस क्वेरी में ‘WHERE City = ‘Delhi” क्लॉज केवल उन्हीं रिकॉर्ड्स को चयनित करेगा जिनकी ‘City’ कॉलम की वैल्यू ‘Delhi’ है।

‘WHERE’ क्लॉज के साथ विभिन्न ऑपरेटर्स का उपयोग भी किया जा सकता है, जैसे:

  1. = : बराबर
  2. <> : बराबर नहीं
  3. > : अधिक
  4. < : कम
  5. >= : अधिक या बराबर
  6. <= : कम या बराबर

उदाहरण के लिए, यदि हमें 30 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों की सूची चाहिए, तो क्वेरी इस प्रकार होगी:

SELECT * FROM Employees WHERE Age > 30;

इस प्रकार, ‘WHERE’ क्लॉज का उपयोग करके हम SQL क्वेरी में आवश्यक शर्तें जोड़कर डेटा को फ़िल्टर कर सकते हैं और केवल संबंधित डेटा प्राप्त कर सकते हैं।

SQL में ‘JOIN’ का उपयोग क्या है? इसके प्रकार कौन-कौन से हैं?

SQL में ‘JOIN’ का उपयोग दो या अधिक तालिकाओं (tables) के डेटा को एक साथ जोड़ने के लिए किया जाता है। यह तब काम आता है जब हमें विभिन्न तालिकाओं से संबंधित डेटा को एक साथ मिलाकर एक संयुक्त परिणाम सेट (result set) बनाना होता है। JOIN ऑपरेशन से हम तालिकाओं के बीच एक संबंध स्थापित कर सकते हैं और उनकी पंक्तियों को एक ही क्वेरी में शामिल कर सकते हैं।

JOIN के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. INNER JOIN: यह JOIN दो तालिकाओं के उन पंक्तियों को मिलाता है जिनमें एक समान कॉलम होता है। केवल वही पंक्तियाँ परिणाम में आती हैं जिनमें दोनों तालिकाओं में मैचिंग वैल्यू होती है।
   SELECT a.column1, b.column2
   FROM table1 a
   INNER JOIN table2 b ON a.common_column = b.common_column;
  1. LEFT JOIN (या LEFT OUTER JOIN): यह JOIN पहली तालिका (left table) की सभी पंक्तियों को और दूसरी तालिका (right table) की केवल वही पंक्तियाँ शामिल करता है जो मिलती हैं। यदि दाहिनी तालिका में कोई मिलान नहीं होता है, तो परिणाम में NULL वैल्यू दिखाई देती हैं।
   SELECT a.column1, b.column2
   FROM table1 a
   LEFT JOIN table2 b ON a.common_column = b.common_column;
  1. RIGHT JOIN (या RIGHT OUTER JOIN): यह LEFT JOIN का विपरीत है। इसमें दूसरी तालिका (right table) की सभी पंक्तियों को और पहली तालिका (left table) की केवल वही पंक्तियाँ शामिल होती हैं जो मिलती हैं।
   SELECT a.column1, b.column2
   FROM table1 a
   RIGHT JOIN table2 b ON a.common_column = b.common_column;
  1. FULL JOIN (या FULL OUTER JOIN): यह JOIN दोनों तालिकाओं की सभी पंक्तियों को शामिल करता है। जहाँ तालिकाओं में मिलान होता है, वहाँ पंक्तियाँ एक साथ दिखाई जाती हैं, और जहाँ नहीं होता है, वहाँ NULL वैल्यू दिखाई देती हैं।
   SELECT a.column1, b.column2
   FROM table1 a
   FULL JOIN table2 b ON a.common_column = b.common_column;

ये JOIN प्रकार हमें विभिन्न तालिकाओं से डेटा को विभिन्न तरीकों से जोड़ने और उपयोग करने की सुविधा प्रदान करते हैं।

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एसक्यूएल में ‘GROUP BY’ और ‘ORDER BY’ का अंतर क्या है?

SQL में ‘GROUP BY’ और ‘ORDER BY’ दो महत्वपूर्ण क्लॉज़ हैं जिनका उपयोग डेटा को क्रमबद्ध और वर्गीकृत करने के लिए किया जाता है, लेकिन इनका उद्देश्य और उपयोग अलग-अलग होता है।

GROUP BY

‘GROUP BY’ क्लॉज़ का उपयोग डेटा को एक या अधिक कॉलम के आधार पर ग्रुप करने के लिए किया जाता है। यह क्लॉज़ तब उपयोगी होता है जब हमें समरी जानकारी प्राप्त करनी हो, जैसे कि कुल योग, औसत, गिनती आदि। उदाहरण के लिए, यदि हमें यह देखना हो कि प्रत्येक विभाग में कितने कर्मचारी हैं, तो हम ‘GROUP BY’ का उपयोग करेंगे। इसका उपयोग आमतौर पर एग्रीगेट फंक्शन्स (जैसे COUNT, SUM, AVG) के साथ किया जाता है।

उदाहरण:

SELECT department, COUNT(*)
FROM employees
GROUP BY department;

ORDER BY

‘ORDER BY’ क्लॉज़ का उपयोग डेटा को एक या अधिक कॉलम के आधार पर एक विशिष्ट क्रम में व्यवस्थित करने के लिए किया जाता है। यह क्लॉज़ डेटा को आरोही (ASC) या अवरोही (DESC) क्रम में क्रमबद्ध कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि हमें कर्मचारियों की सूची को उनकी सैलरी के आधार पर क्रमबद्ध करना हो, तो हम ‘ORDER BY’ का उपयोग करेंगे।

उदाहरण:

SELECT name, salary
FROM employees
ORDER BY salary DESC;

अंतर

  1. उद्देश्य: ‘GROUP BY’ डेटा को ग्रुप करने के लिए और समरी निकालने के लिए उपयोग होता है, जबकि ‘ORDER BY’ डेटा को क्रमबद्ध करने के लिए।
  2. एग्रीगेट फंक्शन्स: ‘GROUP BY’ आमतौर पर एग्रीगेट फंक्शन्स के साथ प्रयोग होता है, जबकि ‘ORDER BY’ का उपयोग सीधे कॉलम वैल्यूज को क्रमबद्ध करने के लिए किया जाता है।
  3. आउटपुट: ‘GROUP BY’ ग्रुप की गई पंक्तियों का आउटपुट देता है, जबकि ‘ORDER BY’ क्रमबद्ध की गई पंक्तियों का आउटपुट देता है।

इन दोनों क्लॉज़ को एक साथ भी उपयोग किया जा सकता है, उदाहरण के लिए, किसी ग्रुप्ड डेटा को क्रमबद्ध करना।

SQL में ‘HAVING’ क्लॉज का उपयोग कैसे किया जाता है?

SQL में ‘HAVING’ क्लॉज का उपयोग किसी विशेष संख्यात्मक शर्त को लागू करने के लिए किया जाता है, जो कि ‘GROUP BY’ क्लॉज के बाद आता है। यह क्लॉज ‘GROUP BY’ के बाद ही उपयोग किया जाता है क्योंकि यह उस समूहीकरण के लिए नतीजे को फ़िल्टर करने का कार्य करता है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि ‘HAVING’ क्लॉज ‘WHERE’ क्लॉज की तरह काम नहीं करता है, क्योंकि यह ‘GROUP BY’ के बाद ही लागू होता है।

जब हम ‘HAVING’ क्लॉज का उपयोग करते हैं, तो हम गणना के बाद के नतीजों को फ़िल्टर करने के लिए एक परिवार में पूर्णांकीय मूल्यों को उपयोग कर सकते हैं। इससे वे पंक्तियों को निकाल सकते हैं जिनमें नतीजे की विशेष गणना को ध्यान में रखते हुए, किसी शर्त को पूरा करने वाले पंक्तियों को ही प्रदर्शित किया जाता है।

उदाहरण के लिए, यदि हमें वहाँ से उन उपभोक्ताओं की संख्या प्राप्त करनी है जिनकी कुल रकम 500 से अधिक है, तो हम ‘HAVING’ क्लॉज का उपयोग कर सकते हैं। यह SQL क्वेरी में ‘HAVING’ क्लॉज का उपयोग एक संगणक डेटाबेस के संदर्भ में एक साधारण प्रयोग का उदाहरण है।

SQL में ‘DISTINCT’ का उपयोग कैसे किया जाता है?

SQL में ‘DISTINCT’ शब्द का उपयोग डेटाबेस से अनुरोधित डेटा में अनुरूपता को हटाने के लिए किया जाता है। यह उपयोग किया जाता है जब हमें केवल अद्वितीय (या अलग) मानों को चुनने की आवश्यकता होती है।

जब हम ‘SELECT DISTINCT’ उपयोग करते हैं, तो SQL विशेषता के साथ प्रत्येक स्तम्भ के लिए केवल अद्वितीय मानों को लौटाता है। इसका मतलब है कि यदि कोई रिकॉर्ड दो या अधिक बार समान मानों के साथ है, तो केवल एक ही रिकॉर्ड लौटाया जाएगा।

उदाहरण के लिए, यदि हमें एक ग्राहकों की तालिका से शहरों की सूची प्राप्त करनी है तो हम ‘SELECT DISTINCT city FROM customers’ उपयोग कर सकते हैं। यह हमें हर शहर को केवल एक बार लौटाएगा, चाहे उस शहर में कितने भी ग्राहक हों।

SQL में ‘UNION’ और ‘UNION ALL’ का अंतर क्या है?

‘UNION’ और ‘UNION ALL’ दोनों SQL के लिए डेटा सेटों को कॉम्बाइन करने के लिए उपयोग की जाती हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग तरीके से काम करते हैं।

‘UNION’ ऑपरेटर को उपयोग करते समय, डुप्लिकेट रिकॉर्ड्स को हटा दिया जाता है, अर्थात यदि एक ही रिकॉर्ड दोनों सेट में है, तो केवल एक कॉपी ही दिखाई देगी।

वहीं, ‘UNION ALL’ ऑपरेटर डुप्लिकेट रिकॉर्ड्स को हटाने के बजाय सभी रिकॉर्ड्स को वापस दिखाता है। इसलिए, अगर आपको सभी रिकॉर्ड्स की पुनरावृत्ति की जरूरत है, तो ‘UNION ALL’ का उपयोग करें।

सारांशत: ‘UNION’ और ‘UNION ALL’ दोनों डेटा सेटों को एक साथ मिलाने के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन ‘UNION’ डुप्लिकेट रिकॉर्ड्स को हटाता है जबकि ‘UNION ALL’ उन्हें बनाए रखता है।

एसक्यूएल में Subquery क्या होते हैं? उनका उपयोग कैसे किया जाता है?

SQL में, उपप्रश्न (Subquery) एक प्रकार का प्रश्न होता है जो अन्य प्रश्न के भीतर स्थित होता है। इसे मुख्य प्रश्न के अंदर लिखा जाता है और यह मुख्य प्रश्न के परिणामों के साथ काम करता है। उपप्रश्न मुख्य प्रश्न के लिए एक विशिष्ट संदर्भ प्रदान करता है और प्रत्येक पंक्ति को मुख्य प्रश्न में जोड़ने या हटाने की अनुमति देता है।

उपप्रश्न का उपयोग कई तरह के कामों में किया जा सकता है, जैसे:

  1. डेटा फ़िल्टरिंग: उपप्रश्न का उपयोग करके प्रारंभिक प्रश्न के परिणामों को फ़िल्टर किया जा सकता है।
  2. समूहीकरण: उपप्रश्न का उपयोग करके प्रारंभिक प्रश्न के गणनात्मक परिणामों को समूहीकृत किया जा सकता है।
  3. सूचीकरण: उपप्रश्न का उपयोग करके प्रारंभिक प्रश्न के परिणामों को सूचीबद्ध किया जा सकता है।
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उपप्रश्न लाभकारी होते हैं क्योंकि वे प्रश्न को अधिक संगठित और प्रभावी बनाते हैं और विभिन्न डेटा प्रकारों के संयोजन को संभव बनाते हैं।

SQL में ‘LIKE’ ऑपरेटर का उपयोग कैसे किया जाता है?

‘LIKE’ ऑपरेटर SQL में पैटर्न मैचिंग के लिए उपयोग किया जाता है। इसका मुख्य उपयोग स्ट्रिंगों के विभिन्न प्रकार की खोज करने के लिए होता है। यह विशिष्ट पैटर्न के आधार पर रिकॉर्ड को फ़िल्टर करने की अनुमति देता है।

‘LIKE’ क्लॉज एक स्ट्रिंग के साथ एक पैटर्न मिलान करता है, जो ‘%’ और ‘‘ जैसे मेटा-चरेक्टर्स का उपयोग करके किया जाता है। ‘%’ किसी भी स्ट्रिंग के लिए जोड़ा जा सकता है, जबकि ‘‘ केवल एक विशिष्ट अक्षर के लिए मिलान किया जाता है।

उदाहरण के लिए, यदि आपके पास एक टेबल है जिसमें “name” नामक एक स्तम्भ है और आपको “John” नाम से शुरू होने वाले सभी रिकॉर्ड चाहिए, तो आप “SELECT * FROM table_name WHERE name LIKE ‘John%’;” का उपयोग कर सकते हैं। इस तरह से, ‘LIKE’ ऑपरेटर द्वारा आप विशिष्ट पैटर्न के आधार पर डेटा को फ़िल्टर कर सकते हैं।

SQL में ‘IN’ और ‘EXISTS’ का उपयोग क्या है?

‘IN’ और ‘EXISTS’ दोनों SQL में डेटा को फ़िल्टर करने के लिए प्रयोग होने वाले शर्तों हैं। ‘IN’ शर्त का उपयोग उस समय किया जाता है जब हमें एक से अधिक मानों के लिए डेटा को फ़िल्टर करना होता है। इसमें हम एक सूची या एक सब-क्वेरी के परिणामों को उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, “SELECT * FROM ग्राहक WHERE शहर IN (‘दिल्ली’, ‘मुंबई’);” शहर की सूची में से किसी एक शहर में बसे ग्राहकों का डेटा लाएगा।

दूसरी ओर, ‘EXISTS’ शर्त उस समय इस्तेमाल की जाती है जब हमें किसी अन्य सब-क्वेरी के अस्तित्व की जांच करनी होती है। यदि सब-क्वेरी के परिणाम होते हैं, तो ‘EXISTS’ शर्त सत्य होती है। इसका उदाहरण इस प्रकार है, “SELECT * FROM ग्राहक c WHERE EXISTS (SELECT 1 FROM आदेश o WHERE o.ग्राहक_आईडी = c.आईडी);” जो ग्राहक को लाएगा जिनके लिए आदेश है।

इन शर्तों का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हमें विशेष डेटा फ़िल्टर करने की आवश्यकता और उपयोग की स्थिति का समीक्षा करें।

एसक्यूएल में ‘INDEX’ क्या होता है? इसका उपयोग क्यों किया जाता है?

‘INDEX’ एक संरचना है जो डेटाबेस तालिकाओं में तेजी से डेटा खोजने में मदद करता है। यह डेटाबेस पर निर्मित एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान होता है। INDEX एक विशेष प्रकार का संरचना होता है जो एक या एक से अधिक स्तंभों के मूल्यों के साथ संबंधित रेकॉर्ड को पता करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग प्रमुखतः खोज कार्यों को तेजी से करने के लिए किया जाता है।

INDEX की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह डेटाबेस प्रशासकों को डेटा को एक्सेस करने की गति को बढ़ाने में मदद करता है। इसके बिना, बड़े डेटाबेस में डेटा को प्राप्त करने का समय बहुत अधिक हो सकता है, जो प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। INDEX निर्मित करने से, डेटा को प्राप्त करने की गति तेज हो जाती है और प्रदर्शन सुधारता है।

SQL में ‘PRIMARY KEY’ और ‘FOREIGN KEY’ का अंतर क्या है?

‘PRIMARY KEY’ और ‘FOREIGN KEY’ दोनों संबंधित तालिकाओं में क्षेत्रों को परिभाषित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले SQL विशेषताएं हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग उद्देश्यों के लिए होते हैं।

‘PRIMARY KEY’ एक यूनिक और अद्वितीय मानचित्र होता है जो एक तालिका में एक या अधिक क्षेत्रों को अद्वितीयता से पहचानता है। यह तालिका में प्रत्येक पंक्ति को अद्वितीय रूप से पहचानने के लिए उपयोग किया जाता है।

दूसरी ओर, ‘FOREIGN KEY’ एक क्षेत्र होता है जो एक अन्य तालिका के ‘PRIMARY KEY’ से संबंधित होता है। यह संदर्भित तालिका में संदर्भित क्षेत्र की मानचित्रण करता है और डेटा अब जोड़ने या संशोधित करने की अनुमति देता है, ताकि दोनों तालिकाओं के बीच एक संबंध बनाया जा सके।

इस प्रकार, ‘PRIMARY KEY’ पंक्तियों को अद्वितीयता से पहचानता है, जबकि ‘FOREIGN KEY’ एक तालिका के पंक्ति को दूसरे तालिका की पंक्ति से जोड़ता है। इन दोनों की संयोजना से विभिन्न तालिकाओं के बीच विशेष संबंध बनाए जा सकते हैं।

SQL में ‘TRIGGER’ क्या होता है? इसका उपयोग कैसे किया जाता है?

SQL में, ‘TRIGGER’ एक विशेष प्रकार का संरचना है जो डेटाबेस में किसी घटना के आधार पर स्वचालित रूप से कार्रवाई करता है। यह किसी विशेष स्थिति को अनुवर्ती करने के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे डेटाबेस में एक नई पंक्ति को डालने, अद्यतन करने या हटाने के दौरान कुछ विशेष कार्रवाई करना।

एक ट्रिगर कार्यक्षमता को सक्रिय करने के लिए निर्दिष्ट घटनाओं का प्रतीक्षा करता है और फिर उस पर निर्दिष्ट लोजिक को अपनाता है। उदाहरण के लिए, एक ट्रिगर जब नई पंक्ति जोड़ी जाती है, तो उसके बाद कुछ विशेष कार्रवाई कर सकता है, जैसे एक अन्य तालिका में डेटा को अद्यतन करना।

ट्रिगर्स डेटाबेस को स्वचालित बनाने में मदद करते हैं और डेटा की सांद्रता को बनाए रखने में मदद करते हैं। इन्हें बचाव या लॉग करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। ट्रिगर्स डेटा को संग्रहित करने और प्रोसेस करने के लिए एक पावरफुल और उपयोगी उपकरण होते हैं।

एसक्यूएल में ‘VIEW’ क्या होता है? इसका उपयोग कैसे किया जाता है?

SQL में ‘VIEW’ एक वर्चुअल टेबल होता है जो एक या अधिक टेबल के डेटा के आधार पर बनाया जाता है। यह एक तरह का संग्रहणीय विधि होता है जो उपयोगकर्ता को एक निश्चित तालिका के डेटा को अद्यतन किए बिना देखने की अनुमति देता है। VIEW टेबल का डेटा केबल या एक और VIEW के साथ बनाया जा सकता है, इसलिए इसे डेटा को अधिक सरलता से प्रबंधित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

इसका उपयोग डेटा को प्राप्त करने, प्रदर्शित करने, या संपादित करने के लिए किया जाता है। VIEW बनाने के लिए ‘CREATE VIEW’ कमांड का उपयोग किया जाता है और ‘SELECT’ कमांड का उपयोग करके डेटा को चुना जाता है। यह एक SQL विधि के रूप में संग्रहित होता है, जिसे उपयोगकर्ता बार-बार उपयोग कर सकते हैं और इसे बार-बार नए डेटा के साथ अद्यतन कर सकते हैं, बिना असली डेटा को प्रभावित किए बिना।

SQL में ‘TRANSACTION’ क्या होती है? इसका उपयोग क्यों किया जाता है?

ट्रांजैक्शन (Transaction) एक SQL अद्यतन (Update) प्रक्रिया होती है जो एक संगठित ढंग से डेटाबेस के डेटा को परिवर्तित करती है। इसका मुख्य उद्देश्य डेटाबेस की संचालन व्यवस्था को सुनिश्चित करना है, जिसमें किसी एक्शन के दौरान डेटा का संपूर्णता बनी रहती है। यदि कोई एक्शन पूर्णत: संपन्न नहीं होता है, तो ट्रांजैक्शन रोलबैक (Rollback) कर देता है, जिससे सिस्टम को प्रारंभिक अवस्था पर ले जाता है।

ट्रांजैक्शन का उपयोग डेटाबेस में स्थायिता, गुणवत्ता और सहानुभूति को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के रूप में, यदि बैंक एक्सचेंज सिस्टम में एक ग्राहक अपने खाते से धन निकालता है, तो उसे पूरी प्रक्रिया को एक ट्रांजैक्शन में सम्मिलित किया जाता है। यदि कोई त्रुटि होती है, तो पूरे प्रक्रिया को रोलबैक किया जाता है, ताकि खाता संतुलित रहे और डेटा की स्थिति सही रहे।

इस तरह, ट्रांजैक्शन डेटा अद्यतन के सुरक्षित, संचित और संचालन तरीकों को सुनिश्चित करने में मदद करता है और उपयोगकर्ताओं को सही और स्थायी डेटा प्रदान करने में मदद करता है।

आपको यहाँ दी गई जानकारी कैसी लगी आप हमे कमेंट कर सकते है।

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